Post – 2020-07-09

हमारा बुद्धजीवी वर्ग कैसा है? जैसा है वैसा क्यों है? संकट की हर घड़ी में वह किसके साथ और किसके विरुद्ध खड़ा होता है? वर्तमान अधोगति की जिम्मेदारी किस पर आती है? आज हमारे देश में क्या कोई ऐसा वर्ग है जिसे बुद्धिजीवी कहा जा सके? इन प्रश्नों का उत्तर हमें बाबा साहब के निम्न कथन के संदर्भ में तलाशना होगा।

“बुद्धिजीवी वर्ग वह है जो दूरदर्शी होता है, सलाह दे सकता है और नेतृत्व प्रदान कर सकता है। किसी भी देश की अधिकांश जनता विचारशील और क्रियाशील जीवन व्यतीत नहीं करती। ऐसे लोग प्राय: बुद्धिजीवी वर्ग का अनुकरण करते हैं। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि किसी देश का संपूर्ण भविष्य उसके बुद्धिजीवी वर्ग पर निर्भर होता है। यदि बुद्धिजीवी वर्ग ईमानदार, स्वतंत्र और निष्पक्ष है तो उस पर भरोसा किया जा सकता है कि संकट की घड़ी में वह पहल करेगा और उचित नेतृत्व प्रदान करेगा। यह ठीक है कि प्रज्ञा अपने आप में कोई गुण नहीं है। यह केवल साधन है और साधन का प्रयोग उस लक्ष्य पर निर्भर करता है। बुद्धिमान व्यक्ति भला हो सकता, लेकिन वह दुष्ट भी हो सकता है। उसी प्रकार बुद्धिजीवी वर्ग उच्च विचारों वाले व्यक्तियों का एक दल हो सकता है और सहायता के लिए तैयार रहता है, प्रथभ्रष्ट लोगों को सही रास्ते पर लाने को तैयार रहता है।”
भीमराव अंबेडकर
जाति प्रथा का उन्मूलन