Post – 2020-05-12

यह आदमी भूखों मर जाएगा, पर संगीत के बिना जिन्दा रहना पसंद नहीं करेगा। कलाकार की परख यहीं होती है और उसकी दुरवस्था का यही कारण है। वह दूसरों की जरूरत पूरी करने के लिए उस आनंद का सौदा नहीं कर सकता, जो व्यक्त होने पर समाज को (श्रोताओं को) सहज सुलभ होता है। प्रगतिवाद के नाम पर राजनीतिज्ञों ने वेदना और संवेदना के इसी स्वायत्त पर समाज व्यापी साम्राज्य को नष्ट किया।