अंग्रेजी में चौकीदार पर पहले भी एक लेख पढ़ा था। आज एक इंडियन एक्स्प्रेस में है। अंग्रेजी पढ़ने वाले क्या अपने यथार्थ से इतना कट जाते हैं कि उन शब्दों का अर्थ तक न समझ सकें जिन पर लिखने का लोभ संवरण नहीं कर पाते? दोनों ने इसको ‘गार्ड’ माना जो निजी या लगभग निजी रक्षक होता है । हिं- चौकीदार/ प्रहरी/ पहरुआ, दरवान/द्वारपाल, त्राता/ -त्रा/-त्र/ संतरी, रक्षी/रक्षक/रखवाला के आशयों में इनके स्रोत और भूमिका के कारण अंतर है। अंग्रेजी में भी गार्ड, कीपर, वाचमैन, सेंटिनेल, प्रोटेक्टर, सेवियर की अर्थछटाएं अलग हैे।
चौकीदार/वाचमैन का पद पुलिस में सबसे छोटा होता है और उसकी जिम्मेदारी सबसे अधिक होती है। पर इस जिम्मेदारी में रक्षा करने की जिम्मेदारी नहीं है। उसके लिए अपेक्षित साधन उसके पास नहीं होते। उसका काम समाज को/ रक्षकों को, असावधान लोगों को सचेत करना है। हथियार के नाम पर सीटी। ।
इसमें सार्वजनिकता का भाव है जो अन्य पर्यायों में नहीं है। इसका इतिहास बहुत पुराना है।
कोई व्यक्ति लंबे समय तक पूरी तरह चौकन्ना नहीं रह सकता, यदि बैठा है या आराम की स्थिति में है तो शिथिलता से बच नहीं सकता इसलिए प्रहरी को तीन घंटे के बाद छुट्टी मिल जाती थी। अपनी बारी पूरी होने पर वह घड़ियाल पर चोट करता जिससे प्रहार> प्रहर> प्रहरी शब्द निकले हैं।
प्रत्येक जागरूक और ईमानदार व्यक्ति, पत्रकार, लेखक, सूजना के अधिकार का प्रयोग करने वाला अपने लिए चौकीदार शब्द का प्रयोग करे या नहीं, होता तो है। जहां वह रक्षक (गार्ड) बन कर कानून को अपने हाथ में ले लेता है वहाँ जो समस्या पैदा होती है इसके कारण वह गुंडा समझा जाता है।