“यह सच है, यह हुआ हमसे, मगर आगे नहीं होगा।”
कसम खाते रहे, खाते हैं, खाने को बचा क्या है।
कभी हम क्रांति करने के सिवा कुछ भी न करते थे
मगर अब क्रान्ति हमसे पूछती है, तू बता क्या है?
“यह सच है, यह हुआ हमसे, मगर आगे नहीं होगा।”
कसम खाते रहे, खाते हैं, खाने को बचा क्या है।
कभी हम क्रांति करने के सिवा कुछ भी न करते थे
मगर अब क्रान्ति हमसे पूछती है, तू बता क्या है?