Post – 2019-03-03

खुदा बन्दों से है अब अर्ज करता, मत करो बेघर।
अँधेरा मिट रहा है जिसमें मैंने घर बनाया था।।
बचाओ मंदिरों और मस्जिदों, गिरजों की तारीकी
दिमागों की दिलों की धुंध, जिसमें डर समाया था।।