Post – 2018-09-19

किसी की परवाह न करते हुए अपनी कहने का साहस था विष्णु खरे में। कुछ लोगों में यह साहस बचा रहे। मरने वाले कुछ न कुछ छोड़ जाते हैं बचे हुए लोगों के लिए।