परछांइयां भी उठ कर हैें हंगामे में शामिल
क्या जोश, क्या खरोश है, क्या जोरे जबां है।
सोचा कि तेरे खाक से पुतला तो बना लू
पर जान डालने को बता आग कहां है ।।
परछांइयां भी उठ कर हैें हंगामे में शामिल
क्या जोश, क्या खरोश है, क्या जोरे जबां है।
सोचा कि तेरे खाक से पुतला तो बना लू
पर जान डालने को बता आग कहां है ।।