कल की पोस्ट में सर्व और विश्व जिनका भी अर्थ एक ही है, विचार करने से रह गए। सर्व का सर = जल, जलाशय से नाता स्पष्ट है। विश्व का मूल विष है । विष् =जल, >प्रवाह > फैलाव>अनन्त, समस्त > विषुव, विषूवृत या विषुवत रेखा । अग्नि की दिशा में इसका विकास विष्णु का जनक है यह हम देख आए हैं।
अंग्रेजी के सगोत शब्द जो सूझ गया वह लिख दिया। इनको जांच परख के बाद नहीं लिखता। उसका समय नहीं रहता इसलिए उन्हें या उन जैसे दूसरे, मुझसे छूटे दूसरे पर्यायों को जांचने की जरूरत है।