बर्वाद लोग इश्क में खंड़हर हुए मकान
लो इस गली में ही मुझे अक्सर खुदा मिला
जिस आस्तां पर सिर को झुकाने का जी हुआ
पहले से मेरा नाम उसी पर खुदा मिला।
बर्वाद लोग इश्क में खंड़हर हुए मकान
लो इस गली में ही मुझे अक्सर खुदा मिला
जिस आस्तां पर सिर को झुकाने का जी हुआ
पहले से मेरा नाम उसी पर खुदा मिला।