यही राज हाथों लगा ज़िन्दगी में
जो हल्का है वह आसमां पर चढ़ेगा .
वजनदार की खामुशी उसकी दौलत
उठाएगा औरों को दब कर रहेगा.
मगर एक पहचान है उसकी बाकी
जिसे जानते हो मगर कह न पाते
सहमते हो कहने से ‘मैं मिट न जाऊं
वह मिटने की कीमत पर उसको कहेगा.
यही राज हाथों लगा ज़िन्दगी में
जो हल्का है वह आसमां पर चढ़ेगा .
वजनदार की खामुशी उसकी दौलत
उठाएगा औरों को दब कर रहेगा.
मगर एक पहचान है उसकी बाकी
जिसे जानते हो मगर कह न पाते
सहमते हो कहने से ‘मैं मिट न जाऊं
वह मिटने की कीमत पर उसको कहेगा.