Post – 2017-01-21

Prakash Gothwal http://navbharattimes.indiatimes.com/…/56692603.cms…
अब देखिये, ये हम नहीं कर रहे। क्या करेंगे आप Himmat Singh ji.

Bhagwan Singh आप मेरी पुरानी पोस्‍टों पर जाएं । इसकाे मोहन भागवत के कथन और भंगी और भाजपा के अपने सदस्‍यता अभियान तथा विश्‍व हिन्‍दू परिषद आदि के लोगों की बयान बाजी का विवेचन करते हुए मैंने बहुत पहले कहा था कि मोदी सबको साथ लेकर चलना और सबका विकास चाहते हैं इसलिए उन्‍हें अपने घर के भीतर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है और बाहर भी। संघ, विश्‍वहिन्‍दू परिषद, कांग्रेस और कम्‍युनिस्‍ट पार्टियों में इतनी निकटता पहले कभी न देखी गई । सभी सांप्रदायिकता से आगे और विकास की ओर बढ़ने वाले मोदी के विरोध में हैं और इसके बाद भी वह अपने को सार्थक सिद्ध करने में सक्षम है। पढ़ लिखे समझदारों को यह आज भी दिखाई नहीं देता जो मैंने आज से एक साल पहले देख लिया था।
ठीक उप्र चुनाव से पहले इस मुद्दे को उछाल कर भोलेपन से वापस लेना उतने भोले मन से नहीं किया गया है। पर भाजपा की अपनी मजबूरी, मोदी की अपनी।