Post – 2017-01-12

जोगी, सन्‍यासी, साधु, साध्वियां जो संसार को त्‍याग चुके हैं, भले ‘नारि मुई घर संपति नासी, मुड़़ मुड़ाइ भये सन्‍यासी’ वाले तर्क से या वह सांसारिक लोगों से अलग कोना है वहां किसी तरह की रोक टोक नहीं है इस कारण, या गद्दी या मठ के उत्‍तराधिकारी होने के कारण, इन्‍हें दुनिया का ज्ञान नहीं, ये एकान्‍तवासी सभा संसद के योग्‍य भी नहीं, कहें न सभ्‍य कहे जा सकते हैं, न इनसे संयत भाषा और संयत व्‍यवहार की आशा की जानी चाहिए । ये अ’सामाजिक प्रकृृति के एकान्‍तवासी राजनीति में दखल दें यह समाज और देश के हित में नहीं है । जो घर नहीं संभाल सके वे देश काेे क्‍या संभालेंगे । इसलिए मुल्‍लो मौलवियों सहित इन सभी पर राजनीति में भाग लेने से चुनाव आयोग को प्रतिबन्धित कर देना चाहिए ।