मनोरंजन
आइये फिर से वही खेल दिखाया जाए
अमन का राग नए जोश से गाया जाये
‘सिवाय मेरे कोई चाहता अमन न सुकून
‘मुझसे आबाद चमन है यह जनाया जाये’
चमन हमारा है गुलज़ार और रंग-आमेज़
कहीं ऐसा नहीं, दुनिया को बताया जाए.
हमसे बढ़कर न कोई है, न कभी होगा ही
यह बताने के लिए गीत बनाया जाए.
गीत ऐसा हो कि सुर-ताल में पक्का निकले
गीत परियों को परिंदों को सिखाया जाए.
कोई मौक़ा हो, कोई वक़्त, जगह कोई हो
बस यही गीत गला फाड़ कर गाया जाए .
झूमने लोग लगें “वाह रे वाः” करते हुए
ठीक उस मोड़ पर दीवानों को लाया जाए
“खून का रंग है हर रंग से प्यारा’’ कह कर
खून के रंग में क्योंकर न नहाया जाए.
काटते, मारते, सर तोड़ते, इतराते हुए
ठहाके भरते हुए सबको हँसाया जाए.
वक़्त डिजिटल का है तो एक डिजिट और जुड़े.
फिर नया एक कीर्तमान बनाया जाये.
“तुम भी भगवान तो शामिल थे इस फसाद में भी”
कहा मैंने, तो कहा, “मुझको मिटाया जाए”.
16-02-2008 08:24:50 / 10/6/2015 6:40:30 PM