कितने अद्भुत लोगों के बीच
एक अनद्भुत व्यक्ति की तरह भटकता रहा मैं
हर गए बीते से पूछता
क्या तुमने मुझे देखा
क्या सचमुच दीखता हूँ मैं
]क्या तुमने मुझे सुना
क्या सचमुच पहुंचती है मेरी आवाज़ तुम तक
क्या बता सकते हो
मैं हूँ या नहीं.
Month: April 2015
Post – 2015-04-04
कितने अद्भुत लोगों के बीच
एक अनद्भुत व्यक्ति की तरह भटकता रहा मैं
हर गए बीते से पूछता
क्या तुमने मुझे देखा
क्या सचमुच दीखता हूँ मैं
]क्या तुमने मुझे सुना
क्या सचमुच पहुंचती है मेरी आवाज़ तुम तक
क्या बता सकते हो
मैं हूँ या नहीं.
Post – 2015-04-03
हरसिंगार के फूल
फूले ही क्यों तुम
इतना दुर्बल मूल दंड
ढो न पाए अपना ही मकरंद भार
खिलने के साथ ही लुढक गए धूल में
पहली किरण की आंच से
सच का सामना तो करते
ओस के कण से भी कम पवित्र
फिर भी इतना अहंकार
3/31/2015 9:16:44 PM
Post – 2015-04-03
हरसिंगार के फूल
फूले ही क्यों तुम
इतना दुर्बल मूल दंड
ढो न पाए अपना ही मकरंद भार
खिलने के साथ ही लुढक गए धूल में
पहली किरण की आंच से
सच का सामना तो करते
ओस के कण से भी कम पवित्र
फिर भी इतना अहंकार
3/31/2015 9:16:44 PM