मैं अभी एक घंटा पहले हैरानी प्रकट कर रहा था कि जेएनयू से वीसी को अब तक हटाया क्यों न गया। छात्रों पर हमला मुझे उसकी रजामंदी से कराया गया लगता था। अब इस कहानी को पढ़ कर लगा इतने सारे सूचना मध्यमों के बादजूद हम कुछ जानते ही नहीं, अफवाहों का बाजार सूचना माध्यमों में भी गर्म है।