Post – 2019-12-29 December 29, 2019 आगे से उन इतिहासकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात नहीं करनी चाहिए जिन्होंने राज्यपाल के भाषण में हस्तक्षेप किया।