Post – 2019-10-15

नहीं यह सच नहीं है सच से कुछ ऊपर, अलग सा है
झुकाया सर तो जाता सच को समझाया नहीं जाता।
कहोगे जिसको कहना चाहता था कह नहीं पाया
कहूंगा राज नादानों को समझाया नहीं जाता।
सुनो कुछ रोज पहले मैं तुम्हें भी चाँद कहता था
पुरानी गल्तियों पर मुड़ के शरमाया नहीं जाता।
सुना भगवान ने भी तुक में बढ़ कर तीर मारे हैं
पता है उसका कद पर उसको बतलाया नहीं जाता।