Post – 2019-05-20

भारतीय बुद्धिजीवी

सोच रहा था
कि कोई सोच रहा है
बस मेरे लिए,
मेरा बना,
मेरी तरह ही।

मैं खुश था कि
यह आखिरी झंझट भी मिट गई
बस मौज है, हर मौज और मेरे लिए ही।।