Post – 2018-12-31

मैं सच को नहीं तुझको बार बार देखता
अपनी खुदी को तू जो एकबार देखता
तू क्या था, क्या बना है, कभी यह तो सोचता
हम थे जो नहीं, क्यों बने ऐ यार देखता।।