आइए फिर से मुहब्बत करें नफरत भी करें
करते आए थे जो पहले वह इशारत भी करें
फिर से हम रौंदते बढ़ने का तरीका सीखें
जुर्म के लें मजे, कुछ और हिमाकत भी करें।।
आइए फिर से कहें हमसे भला कोई नहीं।
आइए फिर से कहें हमसे जुदा कोई नहीं।
आइए सबको मिला करके कचूमर कर दें
जालिमों, कातिलों जल्लादों की सोहबत भी करें।
आइए कुछ करें ऐसा कि कुछ अलग दीखे!
बासबब दीख न पाएं तो बेसबब दीखें।
लोग मानें कि ये बन्दे भी अक्ल रखते हैं
जो गिरा जितना उसी भाव से इज्जत भी करें।
यह जमाना तो हमारा है इसकी हम औलाद।
इस का डंका बजे सोचेगे हम भी उसके बाद !
हम कहां, वे हैं कहां , यह हिसाब उसके बाद
पेश्तर मिटने के खुद अपनी हिफाजत भी करें।
(एक साल पहले की पोस्ट)