Post – 2018-07-17

#आइए_शब्दों_से_खेलें(२३)
गोड़, पांव, चरण, लात,

गोड़
आप चाहें तो गोड़ को ‘गम्’ धातु से व्युत्पन्न कर सकते हैं, परन्तु संस्कृत में तो इसे स्थान मिला ही नहीं। अब आप उल्टी यात्रा करके गम् धातु की व्युत्पत्ति गोड़ के सहारे जांचने का प्रयास कर सकते हैं। हम पाते हैं कि गतिशील प्राणियों में जिनके आदि में गो/ग आया उनके लिए यह धातु नियत कर दी, परन्तु देशज या दूसरी बोलियों के ऐसे शब्द और क्रिया व्यापार छूट गए जो संस्कृत में नहीं आए थे।

‘गोड़’ किस बोली का शब्द है, यह हम नहीं जानते, परन्तु यह जानते हैं कि भोजपुरी में यह अधिक प्रचलित है और संभव है देववाणी में भी प्रचलित रहा हो। परन्तु एक कठिनाई यह है कि क्रिया के रूप में इसका प्रयोग दिखाई नहीो देता नहीं। इसके योग से केवल पांवों के एक आभूषण – गोड़हरा का निर्माण होता है इसलिए भोजपुरी में भी यह किसी अन्य बोली से आया लगता है। गमन, गति, गो, गव्य, गय, गविष्टि, गवेषण आदि और अं.goat, cow, go, come, calm, cool/cold, gate, game, guest आदि शब्द जलपरक को/ गो से व्युत्पन्न हैं, इससे भी ऊपर की आशंका की पुष्टि होती है। अत: मानना होगा कि गोड़ की संकल्पना का गति से नहीं, नीचे के हिस्से से है, कुचलने या धँसने से है और गोड़ना या कोड़ना इसका अर्थविस्तार है। अं goad, gorge का संबंध भी इससे हो सकता है।
गोड़ के दो स्रोत हैं, एक है कच्ची पहाड़ियों आदि से किसी प्राकृतिक हलचल से होने वाले स्खलन से नीचे गिरनेवाले पत्थरों की आवाज या गड़गड़ाहट जिसका उपयोग भाववाचक संज्ञा (गड़गड़ाहट), क्रियाविशेषण (गड्ड), संज्ञा (गड्डी,- किसी चीज की ढेरी; गड्डर -भेंड़ों का झुंड), पूर्व पद के (गड़, जैसे गड़बड़), परसर्ग (रायगढ) आदि रूपों में हुआ है।

दूसरा स्रोत गड्डर या या कहें पहले स्रोत का उपस्रोत, उसके पावों के जमीन पर पड़ने से उत्पन्न आवाज, जिससे तीन आशयों का विकास हुआ। १. पांव की संज्ञा और उसका अर्थविस्तार, जिसके चलते यह किसी के पांवों लिए प्रयोग में आने लगा। २. पावों के कच्ची मिट्टी में गड़ने से गड़ने का निशान, जिससे गड़ने और गोड़ने के लिए शब्द निकले । ३. किसी गड्ढे या गर्त के लिए संज्ञा । पर गति के मामले में गड का वर्णविपर्यय हो गया। अब निकला डग और डगर।

अब हम डगराने, डग्गे, डिगने आदि के विषय में जो सुझाव पहले रख आए हैं, वह सन्दिगेध हो गया। दोनों में कौन अधिक समीचीन है यह तय करना अभी आसान नहीं।

शेष पर्यायों पर विचार को आज फर स्थगित करना होगा।