Post – 2018-06-23

#विषयान्तर

यदि कोई पूछे, धारा ३७० के विषय में तुम्हारा क्या विचार है?
मैं कहूंगा, इसे हटाने का अधिकार केवल कश्मीर की राज्य सरकार को है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। गलत या सही, जो भी अनुबंथ हैं उनका पालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं, दल कोई भी हो सरकार एक ही होती है।
यदि कोई पूछे, ‘मोदी सरकार उसे हटाने की बात कर रही है। इसके बारे में तुम्हारा क्या खयाल है?
मैं कहूंगा, ‘धारा ३७० हटाई जा चुकी है, पिछली विधान सभा ने रोहिंग्या को बसाने के लिए यह कानून बनाया कि जो भी जहां है वहां की भूमि पर कब्जा करके उसका मालिक बन सकता है, उसका कश्मीर का मूल निवासी होना जरूरी नहीं और इसके माध्यम से जम्मू को भी मुस्लिम बहुल बनाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया, वह केवल मुसलमानों तक सीमित नहीं रह सकता। सहबूबा मुफ्ती को पूरी छूट देते हुए, उनसे सहयोग करते हुए भाजपा ने एक ही सफलता हासिल की, वह है धारा ३७० का हटाया जाना। हटाई जा चुकी धारा को दुबारा हटाने की जरूरत नहीं। जरूरत है सैन्य बल की सुरक्षा में कश्मीरी पंडितों और वहा नए उद्योग, व्यवसाय के लिए इच्छुक लोगों को योजनाबद्ध रूप में बसाना। धारा ३७० के चलते वहां एक ही उद्योग पनप सका, पत्थबाजी का उद्योग। कश्मीर के युवकों की बेरोजगारी दूर करने के लिए अब दूसरे उद्योगों का आरंभ हो। शिक्षा संस्थाएं चल सकें। अभी तक का हाल यह रहा है कि पत्थरबाजी उद्योग के निदेशकों के ही बच्चे पढ़ पाते थेऔर इसके लिए भी उन्हें बाहर जाना पड़ता था। अपने ही समाज को जाहिल बना कर अपना राज करने वालों का दौर समाप्त होगा, शिक्षित लोगों और नए काम के लिए तैयारी करने वालों की संख्या बढ़ेगी तभी वहां लोकतंत्र कायम हो सकता है, वहां का सही विकास होसकता है, और तभी अपने भाग्य का निर्णय करने की समझ पैदा हो सकती है।