Post – 2017-11-24

इस सुबह की भी शाम हो तो सही।
शमा का इंतजाम हो तो सही ।।
चुप नहीं, सिर्फ इन्तजार में हूं
मुझसे कोई सवाल हो तो सही।।
ठहरना चाहता हूँ मैं भी पर
कोई दिलकश मुकाम हो तो सहीं।।
मुझे प्याला नहीं रिसाला दो
शहर में कुछ बवाल हो तो सही।।
अब भी जिन्दा है देखिए भगवान
उसका अब इन्तकाल हो तो लही।