वाइज अगर मिले उसे समझाइयेगा आप
वाइज तो बना बैठा है विजडम ही नहीं है.
विद विज में बदल जाता किस कायदे के तहत
पलटी भी लगा लेता है, यह गम भी नहीं है।।
जो घाव कवायद के हैं जाहिर नहीं होते
इनकी न है पट्टी कोई मरहम भी नहीं है।।
डाक्टर तो कोई हो, कहीं एक नर्स तो दीखे
सुनते हैं कहीं कोई हास्पिटल भी नहीं है ।।