कभी, कोई, अगर पढ़ने चले तो, पढ़ने दें खुद को
वह मिटता है तो मिटने दें, संभलता है संभलने दें ।
उसे जो काम भाता है उसे जो काम आता है
उसे करने का साहस दें, डगर को राह करने दें।।
कभी, कोई, अगर पढ़ने चले तो, पढ़ने दें खुद को
वह मिटता है तो मिटने दें, संभलता है संभलने दें ।
उसे जो काम भाता है उसे जो काम आता है
उसे करने का साहस दें, डगर को राह करने दें।।