Post – 2017-11-09

कभी, कोई, अगर पढ़ने चले तो, पढ़ने दें खुद को
वह मिटता है तो मिटने दें, संभलता है संभलने दें ।
उसे जो काम भाता है उसे जो काम आता है
उसे करने का साहस दें, डगर को राह करने दें।।