Post – 2017-10-15

संघ से जुड़े लोगों के संस्कार, ज्ञान, विचार के विषय मेरी राय जिन नमूनों के आधार पर बनी है उसकी बानगी यह हैः

Devendra Sharma सुधीर सर जो व्यक्ति श्री रामायण को बिना पढ़े प्रक्षिप्त, क्षेपक बोले उसका षड्यंत्र स्पष्ट है न, फिर कौन किसका यार है, उसी से तो बागों में बहार है। भगवानसिंघजी वामपंथियों के गेंग के सदस्य है तो सनातन धर्म पर ही आक्षेप करेंगे। ये छुपे हुए मुल्ले इस्साई है।

ऐसे लोग संघ में 99 प्रतिशत हैं । जो 1 प्रतिशत अपवाद हैं, वे अपने प्रयत्न से बने हैं और ऐसों को संघ में भाव नहीं दिया जाता। वाजपेयी और नरेंद्र मोदी और फेसबुक पर मेरे कुछ मित्र इन्हीं में आते हैं। भाजपा में भी अधिकतर ऐसे ही लोग हैं। इस 1 प्रतिशत की अपनी क्षमता और विरोधियों की विफलता के कारण भाजपा जब सत्ता में आ जाती है तो संघ की खांटी 99 प्रतिशत बिरादरी आपना एजेंडा पूरा कराने के लिए पगला जाती है और ऐसा न होने उनके लिए ही समस्याएं खड़ी करने लगती है, और उनके सत्ता से हटते ही सारा जोश ठंढा हो जाता है और बिल में घुस जातेी है।