मैंने अभी तरुण बनर्जी की वाल पर संजीत सिंह का लेखअभी जो पढ़ा उसे कापी पेस्ट कर रहा हूं। तय करें कि लंकेश की ऐसी टिप्पणियों को और कन्हैया की भगवा पहने पर अपनी बहन को भी नंगा करने जैसी टिप्पणियों को पढ़नने के बाद एक गैरराजनीतिक हिन्दू की सहानुभूति इनके और इनका पक्ष लेने वालों से होगी या संघ से। विचार करें संघ का जनाधार उसके संगठन की सक्रियता ने बढ़ाया है या नकली मार्क्स वादियों ने।
“आखिर एक हत्या पर लोग खुशी क्यो मनाते हैं –
“गौरी लंकेश जैसे एक कट्टर कम्युनिस्ट कार्यकर्ता को जिसे मीडिया पत्रकार बनाकर पेश कर रही है आज मैं उन सभी मीडिया वालों को उसकी फेसबुक पोस्ट पर से घृणास्पद गाली दिखा रहा हुं।
“गौरी लंकेश ने यह 25 मई 2016 को 12:12 पर अपने फेसबुक वाॅल पर पोस्ट किया था उसे मैं पहले मुल रूप से ज्यों का त्यों रख रहा हुं—-
sanghis,
if your mother did not have `free sex’ – meaning sex out of free choice – then it means one of two things:
1. you are a product of rape.
or
2. you are the product of a sex worker who did not perform sex for free but for a fee.
sanghis, the choice is yours. you can either say your mother was involved in `free sex’ or accept that you are a result of either one of the two options that i have given above.
इसको हिंदी में अनुवाद करने में भी मेरा हाथ कांप रहा है लेकिन चेहरे पर से नकाब उतारने के लिए जरूरी है तो पेश है इसका हिंदी अनुवाद—-
संघीयों !
अगर ,आपकी मां ने ” मुफ्त सेक्स ” नहीं किया है – तो इसका अर्थ यह है कि एक दो चीजों का अर्थ है:
1. आप बलात्कार का एक प्रोडक्ट हैं ।
या
2. आप एक सेक्स कर्मी के उत्पाद हैं जो मुफ्त के लिए सेक्स करते हैं लेकिन एक फीस के लिए ।
संघियों, पसंद है तुम्हारा । आप या तो कह सकते हैं कि आपकी माँ ‘मुफ्त सेक्स’ में शामिल हो सकती है या यह स्वीकार करें कि आप ऊपर दिए गए दो विकल्पों में से एक का परिणाम है।
….यह पोस्ट कन्हैया के उस ब्यक्तत्व के समर्थन में लिखी गई थी जिसमें उसने फ्रि-सेक्स के पक्ष में पिछले साल अपना भाषण दिया था।
….दुसरी पोस्ट है भारतीय सेना पर जिसमें कन्नड़ में एक लंबा लेख लिखकर भारतीय सेना को ब्लात्कारी बता रही है।.
..एक और पोस्ट है जिसमें हिंदूओं को इडियट बता रही है।एक फोटो पोस्ट और है जिसमें इस्लाम के विचार यानी हरे रंग को असली इंडिया बता रही है और इससे अलग रंग को इजरायल बता रही है।वह एक फोटो के माध्यम से बता रही है 1947 में जब इस देश में इस्लाम यानी हरे रंग का प्रभुत्व था तभी तक वह भारत था 2014 में तो इजरायल बन चुका है।
.. ..सभी का स्क्रिन शाॅट कमेंट बाॅक्स में है।आप देखना मत भुलें अन्यथा विश्वास न हो तो खुद से सर्च कर उसके फेसबुक वाॅल पर पोस्ट देख सकते हैं।यदि समय खर्च नही करना चाहते हैं तो मुझसे इस विषय से संबधित पोस्टों पर आप लिंक भी मांग सकते हैं मै दस मिनट के अंदर उसके मुल पोस्ट को लिंक लाकर आपको उपलब्ध करवा दुंग।
….सवाल उठता है हिंदू धर्म और हिंदूवादीयों को गंदी गाली देकर अपना गुस्सा प्रकट करने इस कुंठीत महिला को पत्रकार मानना कहां तक उचीत है ?””
Sanjeet singh की पोस्ट