Post – 2017-06-16

कुछ पोस्ट और टिप्पणियां पढ़ कर जिनको मैंने बहुतपसन्द किया और कुछ अच्छी टिप्पणयों की तलाश में भटकने के बाद हुई निराशा से स्वतः पद्यबद्ध हुआ विचारः
जिनसे थी अक्ल की नहीं उम्मीद देखिए आज लिख रहे क्या हैं।
आढ़ती ज्ञान, पारखी सच के, कल थे जो, आज दिख रहे क्या हैं।
कर रहे क्या हैं इस पर गौ़र करें, डर रहे क्यों हैं इस पर गौर करें।
डरने पर कितने निडर है देखें, सोचते क्या हैं, लिख रहे क्या हैं।