Post – 2017-05-23

वह पत्थर जब हिला तो देखिए क्या शोर बरपा था
मगर सदमे में थे हम, हममें जुम्बिश तक नहीं बाकी ।
कहेंगे कुछ, करेंगे कुछ, बहुत कुछ सह लिया हमने
जबां तक खोलने की अपनी ख्वाहिश तक नहीं बाकी।