वह पत्थर जब हिला तो देखिए क्या शोर बरपा था
मगर सदमे में थे हम, हममें जुम्बिश तक नहीं बाकी ।
कहेंगे कुछ, करेंगे कुछ, बहुत कुछ सह लिया हमने
जबां तक खोलने की अपनी ख्वाहिश तक नहीं बाकी।
वह पत्थर जब हिला तो देखिए क्या शोर बरपा था
मगर सदमे में थे हम, हममें जुम्बिश तक नहीं बाकी ।
कहेंगे कुछ, करेंगे कुछ, बहुत कुछ सह लिया हमने
जबां तक खोलने की अपनी ख्वाहिश तक नहीं बाकी।