मैंने भी तेरे हुस्न को हर कोण से देखा
तू है तो बहुत कुछ है, मगर है कि नहीँ है
हर चीज़ में तू है तो बता चीज़ कहाँ है
उस चीज़ से बाहर भी कहीं है कि नहीं है !
मैंने भी तेरे हुस्न को हर कोण से देखा
तू है तो बहुत कुछ है, मगर है कि नहीँ है
हर चीज़ में तू है तो बता चीज़ कहाँ है
उस चीज़ से बाहर भी कहीं है कि नहीं है !