मैं जब काम करते थक जाता हूँ पर फिर भी कुछ आग बची रहती है तो बहुत हल्की तुकबंदियाँ अपने मनोरंजन के लिए करता हूँ, इनसे बचें
हम उसे जानते नहीं फिर भी
उसके होने से न इन्कार ही है
अपना दुश्मन न हो सके है कभी
फिर भी देखो न अपना यार ही है
मैं जब काम करते थक जाता हूँ पर फिर भी कुछ आग बची रहती है तो बहुत हल्की तुकबंदियाँ अपने मनोरंजन के लिए करता हूँ, इनसे बचें
हम उसे जानते नहीं फिर भी
उसके होने से न इन्कार ही है
अपना दुश्मन न हो सके है कभी
फिर भी देखो न अपना यार ही है