कुछ लोग चुनाव परिणामों की प्रतीक्षा में हैं. उनके लिए जो जीत गया वह सही है. मेरे लिए इसका इतना ही अर्थ है की जो जीत गया उसे अनावश्यक हस्तक्षेप के बिना शासन करने दो. अधिक महत्वपूर्ण है समाज किस दिशा में जा रहा है. उसे गलत दिशा में कौन ले जा रहा है. यदि ग़लत दिशा में ले जाने वाला चुनाव में जीत जाता है तो देश की हार है. इसका फैसला चुनाव प्रचार के दौरान ही हो जाता है. परिणाम के दिन की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती. इस बार सभी दल घटिया तरीके अपना रहे हैं. ऐसे में यदि भाजपा जीत भी जाती है तो मेरे लिए एक ग़लत पार्टी की जीत होगी क्योंकि विकास के मुद्दे पर सबको साथ लेकर चलने के रस्ते से वह हट गई. मोदी को जितनी अंग्रेजी आती है उससे अधिक अंग्रेजी बोलने लगे हैं. कई तरह की हीनभावनाएं सामने आरही हैं. साम्प्रदायिक खेल मुस्लिम वोटबैंक वाले खेलते है. मोदी को उस खेल से बचना चाहिए था. बच न सके, यह उनकी और विकास के नारे की हार है. हारे हुए सभी है, परिणाम के दिन हारेहूओं में से एक की जीत होगी.