Post – 2017-02-18

आईने लाख हों हम खुद पर फ़िदा रहते है
विषय कोई हो मगर खुद को लिखा करते है
मिलने चलते है सरे राह जो मिले उससे
अंत में पाते है हम खुद से मिला करते हैं.