मैं ऐसे सभी लोगों के साथ हूं जो खादी ग्राामोद्योग के कैंलंंडर पर गांधी जी के चित्र के स्थान पर चर्खा चलाते नरेन्द्र मोदी के चित्र की भर्त्सना करते हैं। परसनैलिटी कल्ट का रोग मोदी में है यह उनके वेश वेशान्तर में लक्ष्य किया जा सकता था और जिसका उपहास भी किया गया पर जिसे मैं अभाव में पले व्यक्ति की इच्छापूर्ति मानता रहा हूं । अब वहीं दमित लालसा उन्हें गांधी का अनुगामी नहीं, मायावती और मुलायम का अनुगामी सिद्ध करने जा रही है। मैं आज भी उनका वकील हूं और इस नाते समय रहते इस भंवर से उबरने की सलाह देता हूं । उन्हें स्वयं जिस किसी ने ऐसा किया हो उसकी निन्दाकरनी चाहिए, एेेसी दुर्लालसाएं जगाने वाले चापलूसों से सावधान रहना चाहिए अन्यथा यह वह जमकातर है जिसमें लोग हाथी सहित डूब जाते हैं और जीते जी बुत बन जाते हैं ।