वह क्या देखते हैं, किधर देखते है ।
जिधर कुछ नहीं, क्यों उधर देखते हैं।
मना है जिधर देखना मुद्दतों से
उधर छिप छिपा कर मगर देखते हैं ।
हर एक रंग में उनको देखा है लेकिन
वह बेनूर हैं, आंख भर देखते हैं।
बुढ़ापे में भी वह जवानी के सपने
खुली आंख से रात भर देखते हैं।