Post – 2016-09-19

इस शोर के बाहर हो और भीतर भी तुम्‍हीं हो
हर ओर हो हर जिन्‍स के भीतर भी तुम्‍हीें हो
फितरत है तुम्‍हारी इसे सब जान चुके है
खोदी थी कब्र, कब्र के भीतर भी तुम्‍हीं हो।
जो गर्द है ऊपर उसे झाड़ो तो उठोगे
उस गर्द के बाहर भी और भीतर भी तुम्‍हीं हो।
मरने का पता है नहीं पर फैलने की चाह
हर इस सड़ांध गन्‍ध के भीतर भी तुम्‍ही हो।
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भगवान तुझे क्‍या हुआ तू खुद ही रो पड़ा
मैंने तो जमाने की शिकायत भी न की थी।
21.9.16 : 15:47gा