Post – 2016-07-26

अभिनय भावनाओं को मूर्त करने की कला है और शायरी शब्‍दों का खेेल जिसका अभिनेता या शायर की निजी जिन्‍दगी से संबंध नहीं होता, पर अपने भीतर वह आग पैदा करना या वह सर्जनात्‍मक दबाव पूरी तरह अपने नियंत्रण में नहीं होता यहीं नाटकबाजी और अभिनय, पद्य और कविता का अन्‍तर हे, यद्यपि कलाभ्‍यास से सब कुछ आसान हो जाता है और शायर संगीतकार के निर्दशक की बताई धुन और कहानी की मांग के अनुसार गाने लिखते हुए भी कभी कभी अच्‍छी शायरी कर जाते हैं। कुछ इन्‍ही कारणों से अपना मजाक उड़ाते हुए अपनी रचनाओं को शायरी की जगह तुकबन्दियां कहता हूं। पर सावधानी का एक और पहलू है। गजल तो प्रेम और इसकी पीर का क्षेत्र ही हुआ, दुख भरी सांकेतिक इबारतेंं लिख कर शायर जब निहाल हो जाते हैं तो इसका एक फर्जी सन्‍देश जाता है कि बेचारे हिन्‍दुस्‍तान में कितने दुखी हैं और इस दुख को साझा करने के लिए फर्जी साहित्‍य भी लिखा जाने लगता है। दूसरी किसी भाषा की तुलना में हिन्‍दी साहित्‍य इससे भरा पड़ा है।

वह दिल जिसके लिए बदनाम था पूरे जमाने में
कि अक्सर महफिलें लगती थीं इसके शामियाने में।

फसादों के भी मौके आए दिन आया ही करते थे
पहुंचता था कभी चौकी कभी मैं खास थाने मे।

रकीबों को जलन होती थी इतनी आप मत पूछो
मगर मैं देर करता था नहीं दमकल बुलाने में।

उसी का हाल है यह ठोकरों पर ठोकरें हासिल
नहीं पर बाज आता शर्म आती है बताने में।

हसीनों की जगह अब डाक्टर को याद करता है
जो कहता है समय लो, फीस दो, बैठो सिवाने में।

अगर मिलने न जाऊँ तो वही बेचैन होता है
कहां दिक्कत हुई वह पूछता है आने जाने में।

अगर यह आप पर आए बुरा मत मानना इसका
पुरानी लत है, टाइम तो लगेगा ही छुड़ाने में।

यह क्यों भगवान ने सोचा कि इसको ठीक कर देगा
निकाला घर से तो दे दी जगह दीवानखाने मे ।
25 जुलाई 2016

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पश्चिमी धाक और सांस्‍कृतिक विजय अभियान के विरुद्ध

जमीं तो हार चुके हैं कब के
हम तुम्‍हें आसमां नहीं देंगे
पास हाेने का फेल होने का
हम तुम्‍हें इम्‍तहां नहीं देंगे।

जहां सपने छिपा के रखे है
उस जगह की तलाश है तुमको
जान लो अपनी जान देंगे पर
तुमको उसका पता नहीं देंगे।

जानते हैं कि किस जमाने से
चल रही है तुम्‍हारी तैयारी
हम अभी एक जुट नहीं हैं गो
पर मुकम्‍मल जहां नहीं देंगे।

बनाओ बम मिसाइलें बेहतर
लगाओ आयुधों के तुम अंबार
हम जगाएंगे बाकी दुनिया का
जंग का रास्‍ता नहीं लेंगे।

जानते हैं तुम्‍हारे कारिन्‍दे
हमारे बीच काम करते हैं
उनके खाते खिताब देखेंगे
मशविरा उनका हां, नहीं लेंगे।

एक दिन में न सीख पाए जो
वे तजुर्बों से सीख जाएंगे।
कहा भगवान ने पियो गुस्‍सा
वर्ना बदनाम कर मिटा देंगे ।।
25/26 जुलाई