जांच दल के सामने एक बयान
हम वो नहीं हैं जिनके कसीदे पढ़े गए
हम वो हैं जिनको अपने ही घर में जगह नहीं
पूछे हैं खैरियत तो है, क्यों हो उदास कुछ
कहते हैं रंजो ग़म की तो कोई वजह नहीं।
गलियों में भटकते हैं तो कहते हैं लोग बाग
हम चाहते अमन हैं, कहीं भी कलह नहीं।
हम वो नहीं हैं जिनको शहरबद्र कर दिया
हम वो है जिनकी शाम है लेकिन सुबह नहीं।
19 जून 2016