Post – 2015-09-24

मैं जहां था वहीं देखो तो कल खुदा निकला.
किताबें भी थीं वहीं उनसे कुछ जुदा निकला
अपने कूचे की निगहबानी सौंप रखी है
जिन किताबों ने, वह उनसे खफा खफा निकला
इतनी सँकरी गली दीवारें पीस दें जिसको
उनसे छूटा था दम उसका घुटा घुटा निकला
मैंने कुछ ग़ौर से देखा तो वहीं रूप विराट
कुछ ऐसा था ही न जिसमें न बसा निकला
उसी में सब सभी में वह, न तो जादू न वहम
मेरा दुश्मन भी जो देखा तो हमनुमा निकला.
9/24/2015 10:32:24 AM