Post – 2018-11-14

जिसे हम इश्क कहते हैं पुराना रोग है शायद
जिसे हम हुस्न कहते हैं वो पहचाना नहीं जाता।
यह दुनिया जो बनाई हमने दोजख से ही बेहतर है
यह सच है, पर इसे भी देख लो माना नहीं जाता।
मुसीबत है कि अब भी हम तुम्हीं को प्यार करते है
गनीमत है तुम्हारा बाप अब थाना नहीं जाता।
यह अपनी जिंदगी होती, महज अपनी, तो मर जाते
यह मुश्तर्का है कितनों की, यही जाना नहीं जाता।
मुझे भगवान कह कर, कर दिया बदनाम लोगों ने
वगर्ना भीड़ में मुझको भी पहचाना नहीं जाता ।