#तुकबन्दियाँ
वह जिन्दगी नहीं थी जिसे खोजता रहा
एक ख्वाब था जो अपनी खिजाँ ढूँढ़ रहा है।
दर दर भटक रहा है उधर क्यों जुनूने इश्क
मैं इस तरफ हूँ मुझको कहाँ ढूँढ़ रहा है।।
#तुकबन्दियाँ
वह जिन्दगी नहीं थी जिसे खोजता रहा
एक ख्वाब था जो अपनी खिजाँ ढूँढ़ रहा है।
दर दर भटक रहा है उधर क्यों जुनूने इश्क
मैं इस तरफ हूँ मुझको कहाँ ढूँढ़ रहा है।।