क्या होता है
जब कुछ नहीं होता
सब कुछ करने के बाद?
यह समझ पैदा होती है
‘तरीका गलत था।’
क्या होता है
यदि समझ भी न हो पैदा?
येचुरी पैदा होता है
दहाड़ के साथ
‘हम जगह पैदा कर रहे हैं
दूसरों के होने के लिए।’
क्या होता है
जब कुछ नहीं होता
सब कुछ करने के बाद?
यह समझ पैदा होती है
‘तरीका गलत था।’
क्या होता है
यदि समझ भी न हो पैदा?
येचुरी पैदा होता है
दहाड़ के साथ
‘हम जगह पैदा कर रहे हैं
दूसरों के होने के लिए।’