Post – 2018-05-18

जब मैं कोई सुझाव रखता हूं तो उसका आधार उसकी तार्किक संगति होती है। अर्थ निर्धारण करना न तो हमारा काम है न ही धातु की तलाश करने वालों का था। परन्तु वे यह बता रहे थे कि किसी शब्द का निर्माण किस मूल ध्वनि से हुआ है, और इस क्रम में भविष्य में भी इन युक्तियों को काम में लाते हुए कैसे नए शब्दों को गढ़ा जा सकता है। इतना ही नहीं धातु का अर्थ काफी खुला हुआ था इसलिए पुराने शब्दों का प्रयोग कुछ बदले आशय में कैसे किया जा सकता है। इसलिए संविदा, निविदा, संसद, परिषद, समिति आदि का जिस आशय में ऋग्वेद में प्रयोग किया जाता था, उन शब्दों को वहां से ले कर हम कुछ भिन्न आशय में प्रयोग है, फिर भी वे इतने सटीक प्रतीत होते हैं, मानो इन शब्दों का निर्माण इन संस्थाओं और भावों के लिए हुआ हो। धातु भले काल्पनिक हो, भाषा की इंजीनियरी में इसकी एक कारक भूमिका है।
हम भाषा की उत्पत्ति को समझने के क्रम में यह भी जानते हैं कि किसी शब्द को हम जिस। आशय में प्रयोग करते हैं वह अर्थ आया कैंसे पर अनुमान से हमें भी काम लेना होता है और जैसा हमनें आरंभ में ही निवेदन किया था, ये अनुमान कुछ मामलों में गलत भी हो सकते हैं इसलिए सही विकल्प सुझाए जाने पर हमें अपनी धारणा को बदलने को तैयाररहना चाहिए। हमें केवल यह लाभ है कि हम धातुओं की मदद से कार्यसाधक रूप में समझ आने की तुलना में अधिक पारदर्शी रूप में समझ लेते हैं,और साथ ही हमारी पहुंच उस विशाल शब्दभंडार तक भी हो सकती है जिसे देसी कहा जाता रहा है। सच कहें तो यहां आकर देसी, तद्भव और तत्सम का भेद मिट जाता है और विदेशी प्रतिरूपों को समझने में मदद मिलती है।
उदाहरण के लिए बार को लें। यहां दो तथ्य ध्यान देने योग्य हैं। पहला यह कि इसका प्रयोग जानवरों के बाल के लिए लिए हुआ, कीटज अर्थात् मकड़ी के धागे या रेशम के। तार के लिए ऊर्ण का प्रयोग होता था था और मनुष्य के शरीर के बाल के लिए लोम या रोम का। और सिर के बाल के लिए केश का, इसलिए कुछ भाषाओं में इसका हीनार्थक प्रयोग रूढ़ हो गया, कुछ में यह पूंछ के अर्थ में प्रयोग में आने लगा।
दूसरा वार से व्युत्पन्न बारीक, अर्थात् बाल जैसा पतला जिसका विस्तार दूसरी चूर्ण की या पिसी हुई चीजों के सन्दर्भ में तो होता ही है सूक्ष्मता के कतिपय अन्य आशयों में भी होता है जैसे नजर, नोक या धार के लिए पर वार को छोड़ कर दूसरे प्रयोग बोलियों तक सीमित हैं? संस्कृत में इनके लिए तनु, सूक्ष्म, तीक्ष्ण का प्रयोग । अंग्रेजी में तनु > टेंडर, थिन पहुंचता है, भेड़ के बाल के लिए वार या बाल नहीं। वार या बाल का अर्थ किसी तर्क से मुड़ा हुआ से आगे बढ़कर गोल या गोलाकार हो जाता है। थिन या तनु पर हम पीछे विचार कर आए हैं कि जलार्थक तन कैसे तन्वन, तन्तु, तांत और तंत्र, तान्त्रिक, तन्त्रिका आदि का जनन करता है और तर (पानी,आर्द्र) >तार, तर्क, तारक, तारिका, तरीका, तरतीब, आदि का। हर हाल में हमें सूक्ष्मता और महिमा के लिए जल की ओर लौटना पड़ता है। पर हैरानी बारीक के दूरे पर्याय, ‘महीन’, को लेकर होती है जिसका मूल मह है जो महत के लिए प्रयोग में आता है।