वह हमें दैख न सकता है मगर
हम उसे देखते हैं, देखिये तो !
…
बीतेगी गम की रात मगर इस तरह नदीम
देखोगे मुझे पूछोगे यह आपही तो हैं?
—
क्यों पूछते है मेरा पता दुश्मने जान
क्यों आप छिपाते हैं यह बतलाइये तो
हम दूर है पर दूर भी इतने तो नही
शिकवे के लिए ही करीब आइए तो।।
….
मियाद अपनी पता है फिर भी
मौत से छेड़छाड़ करते हैं
जिनको ट्रोलिंग की सजा है मालूम
रपट करने में देर करते हैं ।
……
दोस्ती हो न निभ सके फिर भी
दुश्मनी भी तो कायदे की हो!