मैं लाख कोशिश करू अपने मित्रों को इस बात का कायल नहीं कर सकता कि सोनिया चालित कांग्रेस और वामपंथियों की रुचि देश को तोड़ने, बांटने में में रही है परन्तु कारण अलग रहे हैं। उनकी तफसील में जाना जरूरी नहीं, पर यदि कर्नाटक कश्मीर के बाद पहली बार अपने अलग झंडे की आवाज बुलन्द करता है तो इस बात पर नजर जानी चाहिए कि वहां किस पार्टी का शासन है और उसे चला कौन रहा है।