Post – 2017-05-10

शब्दक्रीडा

यह तो होना था, हो गया भी लो
पर्दा उठना था उठ गया भी लो
हमको मरने का ढूँढना था सबब
तुम मिले और मिल गया भी लो
लोग सादे है और सीधे है
क्यों बुरा मानें बुरा होने का
जितना चाहो बुरा करो उनका
बाद में उनकी फिर दुआ भी लो
अच्छा क्या है कहो बुरा क्या है
जो हुआ बस उसी को होना था
समझ इतनी है तो जमी हाज़िर
और ऊपर से आसमां भी लो
तुम भी भगवान आदमी तो बनो
आसमां में जगह बची ही नहीं
उम्र के साथ अक्ल भी खो दी
मेरी मानो कोई दवा भी लो .