Post – 2017-04-23

मैं कभी इस बात का आग्रह नहीं करता कि आप मेरी पोस्ट पढ़ें। मैं अपनी किताब फेस बुक पर लिखता हूँ, जिन्हें पठनीय लगेगा वे पढ़ेंगे। जो न पढ़ेंगे वे पढ़ने चलेंगे तो भी नहीं पढ़ पाएंगे। ऐसा राजनीति से जुड़े या अपने कार्यक्षेत्र को राजनीति का कुरुक्षेत्र समझने और बनाने वालों के साथ होना ही है। वे समझना छोड़ चुके होते है इस लिए सीख नहीं सकते, जहां तक आप की व्याख्या उनको रास आएगी, वे आप का समर्थन और उपयोग करेंगे, जो टिप्पणियां उनकी कमियां बताएगी उन्हे
धैर्य से पढ़ ही नहीं पाएंगे, पढ़ेंगे तो समझ नहीं पाएंगे। जो बातें इतनी तीखी होंगी की उनकी उपेक्षा करने की कोशिश के बाद भी गहरे धंस गईं उनके अनुसार अपने सोच में बदलाव लाने की जगह तिलमिलाते रहेंगे की इससे बदला कैसे लिया जाय? तर्क से सम्भव होता तो चुभन की जगह हंसी आती और उसे उसकी औकात समझा देते, सम्भव नहीं इस लिए अपघात, आरोप, शिष्ट से लेकर अभद्रतम गालियों की खाई में दुबक कर मोर्चा संभालेंगे। जीतना हर हाल में है। वे जीते नहीं है, जूझते हैं। जीने के लिए कुछ ऐसा करना होता है जिससे कुछ पैदा हो और अापने जो कुछ पैदा किया है उसके बदले में आप दूसरों ने जो पैदा किया है उसे अपनी जरूरत के अनुसार लेकर अपने को सर्वसम्पन्न कर सकें।

,जूझने का मतलब तो आप में से कुछ लोगों को पता ही नहीं होगा। यह युज से बना है जिसका अर्थ है जुड़ना यह आप सभी जानते हैं, यहां तक की आप यह भी जानते हैं की युत और युक्त का भी अर्थ यही होता है। पर आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि युत में युज का ज कैसे घुसा और कैसे अंतिम त को क्त बना बैठा। जो सोचते हैं कि वे जानते हैं वे आप से भी कम जानते हैं क्योंकि वे इसे धातु प्रत्यय के नियम से जानते हैं जो construct हैं और बहुत में बाद गढ़ा गया है।

जब कि हम उसे समाजरचना से समझना चाहते हैं, जहां चूक हो आप से समझना चाहते हैं और इस तरह अपने सामाजिक इतिहास को भाषा के इतिहास के साथ समझना और समझाना चाहते हैं और आपको विश्वास दिलाना चाहते हैं कि इस विधि में सुपठित, अल्पपठित, अपठित और कुपठित ही नहीं अधिपठित भी एक स्तर पर आजायेंगे, क्योंकि उन्हें कोरी पट्टी से आरम्भ करना होगा।

आप को उन्हीं शब्दों का गहरा अर्थ उद्भास की तरह दिखाई देगा जिनका रूढ़ार्थ आप को पता है। मिसाल के लिए युवक और युवती का अर्थ धुंधले रूप में आप जानते हैं, पर शायद इस रूप में न जानते हों कि यह जोड़ खाने। मेल खाने की या जिसे अंग्रेजी में प्रॉपर मेटिंग ऐज कहा जा सकता है उसका सूचक है और तब संभव है आप को अंग्रेजी के मेटिंग का मीटिंग से सम्बन्ध भी नजर आने लगे।

बात तो हमने जूझना से आरम्भ किया था। युत युद्ध बन कर मिलने की जगह टकराने का, लड़ने का आशय ले बैठा और युज वाले समाज ने युद्ध को झुझ बनाया जो झुंझलाना में मिल जायेगा, पर उस भाषाई समूह की जबान की लाचारी कि झ के साथ झ उसी तरह उच्चारित नहीं कर सकता था जैसे भभूव का उच्चारण बभूव के रूप में ही कर सकता था। जूझने का अर्थ है जान देना, जान लेना , जो कुछ जाने कितने श्रम और साधनों से बनाया गया है उसे तोड़ना और मिटाना, कुछ भी ऐसा न पैदा करना जो किसी दूसरे के और स्वयं अपने उपयोग में आ सके पर ऐसी नौबत ला देना कि दुश्मन हार जाय, जो बच रहा है वह हमारे कब्जे में आ जाय और फिर हम उसका मनमाना उपयोग कर सकें।

हम इस चर्चा के माध्यम से आपको इस सोच से बाहर लाना और आप जो कहते हैं उसका अर्थ समझाना चाहते है। यह किताब लिखने से अलग है, एक विचार मंच है । अपने लेखन में पहली बार मैं आप सबसे अनुरोध करता हूँ की इस महासभा में शामिल हों और यह समझने के प्रयास में शामिल हों कि एक भी शब्द के सम्यक ज्ञान को तत्वविदों ने इस लोक और परलोक तक के लिए कामधेनु क्यों कहा है। मैं आप को शबरदुघा वाणी के दुग्ध पान समारोह की दावत देता हूँ। आगच्छ, पश्य, आचर।