Post – 2016-11-05

जवाब दो मुझे अपना जवाब दो तो सही।
जो पूछता हूं कान खोल कर सुनो तो सही ।
तुम्‍हारे हर सवाल का जवाब देता हूं
न पढ़ा है तो सबक मुझसे यह पढ़ो तो सही।
मौसमे गुल में तो कीचड़ गुलाल होता है
मैं मलूूूं और अाप भी बढ़ो मलो तो नही।
सामने आओ तनिक छेड़छाड़ होने दो
मिले न लफ्ज तो कालिख ही हाथ लो तो सही।
याद है हम कभी हमरू हुआ करते थे मगर
दुश्‍मने जां हैं ये हिम्‍मत हो तो कहो तो सही।
न दोस्‍त रह सके दुश्‍मन भी नहीं बन पाये
यही लकीर बची है यहांं मिलो तो सही ।