जो आसमान में है हमारी जहन में है।
जो जान सका हूं वही मेरे कथन मे है।
तुझको न समझ पाया मेरे पास है फिर भी
तेरे दुराव में भी है, मेरे वहम में है ।
क्यों ढूंढ़ते हो उसकाे मिला जो न किसी को
सबमें है सभी का है न आया जहन में है।
भगवान को चस्का लगा तुकबन्दियों का है
सोचो है वह बाहर या वह अपनी सहन में है