Post – 2016-11-02

जानता हूं कि कई लोग खफा हैं मुझसे
किसी ने मुझको किसी पर खफा होते देखा ?
बहुत बारीक सतर है समझ-नफरत के बीच
मेरे कलाम में उसको सफा होते देखा ?
देखने वाले भी साेते हैं खुली आंखों से ।
क्‍या कहीं तुमने भी ऐसा कभी होते देखा?
मैंने देखा है मगर तुम न समझ पाओगे
कत्‍ल करते हुए इन्‍सान को मरते देखा।
बहुत गरूर था अपने पर सोचते थे हम
‘किसी को जो न दिखाई दिया हमने देखा।’
फिर भी भगवान ने मुझसे कहा नादान है तू
गर कभी मुझमें सभी को नही पहले देखा।